तो इस बार से प्लास्टिक को करें ना
हर साल 3 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग-फ्री दिन मनाया जाता है। यह दिन इसलिए मनाया जाता है कि प्लास्टिक के इस्तेमाल करने से होने वाला प्रदूषण हमारे लिए एक समस्या है , इसलिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने यह दिन समर्पित है। प्लास्टिक मनुष्यों से लेकर वनस्पतियों, जीवों के लिए सबसे खतरनाक खतरों में से एक है।
हर दिन, हमें प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण का सामना करना पड़ता है , इसने हमारें जीवन में कई बुरे प्रभाव डाले है। इससे होने वाले समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और हमारे पृथ्वी को बचाने के लिए हमें इसके लिए जरूरक होने की आवश्यकता है।
एक प्लास्टिक बैग को नष्ट होने में वर्षों लगते है
एक प्लास्टिक बैग से वर्षों तक प्रदूषण होने का कारण बढ़ रहा है। प्लास्टिक बैग नॉन-बायोडिग्रेडेबल( non-biodegradable) होते हैं और उसे पूरी तरह से नष्ट होने में 100-500 से अधिक वर्ष लगते हैं।
प्लास्टिक की थैलियां समुद्री जीव के लिए खतरा बन रही है , यह इतना खतरनाक हो गया है कि कुछ समुंद्री जीवों की जाति अब खतरे में है। कुछ जानवर उन्हें खाते हैं जिससे उन्हें नुकसान होता है।

द ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच की खोज शोधकर्ता चार्ल्स मूर ने वर्ष 1997 में की थी। अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री डे बैग फ्री वर्ल्ड (Bag Free World) द्वारा बनाया गया था, यह दुनिया भर में प्लास्टिक बैग के सिंगल-यूज़ से छुटकारा पाने के एकमात्र उद्देश्य के लिए एक विश्वव्यापी पहल है।
अनुमान से, वैश्विक स्तर पर देखे तो पूरी दुनिया में 500 बिलियन प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाता है और इतनी ज्यादा संख्या से पर्यावरण, वन्य जीवन और मानव जीवन को काफी हद तक प्रभावित करती है। अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग फ्री दिवस हमारी भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को बचाने और उसे सुरक्षित करने लिए एक अच्छा कदम है।
कई देशों ने अपने यहाँ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा कर इससे पर्यावरण को सुरक्षित किया और साथ में आने वाली पीढ़ी के लिए यह एक जागरूकता वाला काम करेगा।
हम आपको कुछ देशों के नाम बताने जा रहे है जिन्होंने देश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बांग्लादेश(Bangladesh)
बांग्लादेश पहला देश बना जिसने अपने देश 2002 में सिंगल-यूज़ वाले प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह निर्णय 2002 उन्होंने इसलिए लिया था जब बाढ़ के समय प्लास्टिक के कारण से जल निकासी प्रणाली में समस्या हो रही थी।
अफ्रीका(Africa)
बांग्लादेश के बाद, अफ्रीका ने वर्ष 2003 में प्लास्टिक बैग के उपयोग पर रोक लगा दी थी। उसके बाद, केन्या, माली, कैमरून, तंजानिया, युगांडा, इथियोपिया, मलावी, मोरक्को, दक्षिण अफ्रीका, रवांडा और बोत्सवाना जैसे 15 से अधिक देशों ने भी इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों पर टैक्स लागू किया है।
एशिया (Asia)
एशिया में, कंबोडिया, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया और ताइवान जैसे देशों ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यूरोप(Europe)
यूरोपीय क्षेत्र में, डेनमार्क देश पहला था जिसने प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर टैक्स लगाना शुरू किया था। डेनमार्क, इंग्लैंड, इटली, आयरलैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और जर्मनी के बाद भी प्लास्टिक बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
उत्तरी अमेरिका (North America)
हवाई, सिएटल, मेन, रोड आइलैंड और प्यूर्टो रिको में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध और टैक्स लगा हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया(Australia)
ऑस्ट्रेलिया में अभी तक प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन इसके कुछ राज्यों जैसे उत्तरी क्षेत्र, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया ने प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।
इन देशों के इस कदम ने और देशों को भी जागरूक किया है। हमें जितना ज्यादा हो सकते प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना चाहिए। प्लास्टिक बैग की जगह कपड़ें के थैले , पेपर बैग का इस्तेमाल करना चाहिए , इससे हम हमारे पर्यावरण को दूषित होने से बचा सकेंगे।
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